जांजगीर चाम्पा

बिरकोनी का मिनीमाता अमृत सरोवर सहेज रहा बारिश की बेशकीमती बूंदे

*महात्मा गांधी नरेगा से मिनीमाता अमृत सरोवर (दर्री तालाब) का किया गया गहरीकरण*

*जल संरक्षण एवं संचय के साथ आजीविका के साधन होंगे निर्मित*

जांजगीर-चांपा 12 जुलाई 2023/ पानी की हर बूंद बहुत बेशकीमती होती और जरूरी है एक-एक बूंद को बचाकर उसे संरक्षित किया जाए, बारिश की इन बूंदों को संरक्षित करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से बिरकोनी ग्राम पंचायत में मिनी माता अमृत सरोवर (दर्री तालाब गहरीकरण) का कार्य पूर्ण किया गया है, अब इसमें मानसून की गिर रही बारिश की बूंदों को सहेजकर जल संरक्षण एवं संचय शुरू हो गया है, जिसका उपयोग ग्रामीण निस्तारी के साथ ही किसानी के लिए उपयोग करने लगे हैं। इसके साथ ही इस तालाब से समूह की महिलाओं को आजीविका के साधन के लिए तैयार किये जा रहे हैं।कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशन एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल के मार्गदर्शन में जिले में अमृत सरोवर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। अकलतरा कार्यक्रम अधिकारी श्री एलपी राठौर बताते हैं कि ग्राम पंचायत बिरकोनी जनपद पंचायत अकलतरा के अंतर्गत आती है, जो जिला जांजगीर-चांपा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। अमृत सरोवर के तहत ही बिरकोनी में गहरीकरण होने के पहले गांव में पानी को लेकर बहुत समस्या थी, इससे जूझते हुए ग्रामीणों को रोजगार सहायक के माध्यम से जब यह पता चला कि आजादी की 75 वर्ष पूर्ण होने पर महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से अमृत सरोवर का निर्माण किया जा रहा है, तो इस कार्य में रूचि दिखाते हुए सभी ने एकजुट होकर ग्राम पंचायत से प्रस्ताव तैयार करने को लेकर हामी भरी। ग्रामीणों की एकजुटता के चलते ही अमृत सरोवर (नया तालाब निर्माण कार्य) प्रस्ताव को मंजूरी मिली और कार्य शुरू हो गया। जिसमें महात्मा गांधी नरेगा से 9.82 लाख रूपए की राशि मंजूरी की गई। इस अमृत सरोवर को तैयार करने का बीड़ा महात्मा गांधी नरेगा के जॉबकार्डधारी परिवारों ने उठाया। लगभग 3.5 एकड़ क्षेत्र में फैले तालाब में मनरेगा के 310 परिवारों ने मिलकर 4 हजार 785 मानव दिवस सृजित करते हुए अमृत सरोवर का निर्माण पूरा किया। तकनीकी सहायक श्री शशिकांत देवांगन के तकनीकी मार्गदर्शन एवं रोजगार सहायक श्री साहेबलाल बंजारे की देखरेख में अमृत सरोवर (दर्री तालाब) का कार्य किया गया, जिसमें इनलेट एवं आउटलेट का निर्माण भी किया गया है। इनलेट के माध्यम से बारिश का पानी बहकर सीधे तालाब में पहुंच रहा है और आऊटलेट के माध्यम से तालाब का पानी खेतों तक पहुंचेगा। इस अमृत सरोवर में 42 हजार 600 क्यूबिक मीटर पानी के आसपास भरेगा, जिससे 10 से 15 एकड़ खेतीयुक्त जमीन सिंचित होगी, साथ ही ग्रामीणों को निस्तारी के लिए पानी मिल सकेगा।

*आजीविका गतिविधियां होंगी संचालित*

अमृत सरोवर से भूजल संरक्षण, संचय के साथ ही आजीविका गतिविधियांे का संचालन भी किया जाएगा। तालाब किनारे जहां फलदार पौधे, फूलों का उत्पादन, बाड़ी भी लगाया जाएगा। अमृत सरोवर का निर्माण होने के बाद संतोष पटेल, राकेश पटेल, रश्मि, शिव पटेल बताते हैं कि गांव में अमृत सरोवर के निर्माण से उन्हें रोजगार प्राप्त हुआ, साथ ही गांव में इसके बनने से निस्तारी, बाड़ी विकास, भूजल स्तर की समस्या से छुटकारा मिल गया है। इस दौरान अमृत सरोवर में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन भी साथ-साथ चल रहा है, 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को अमृत सरोवर में भूतपूर्व सैनिक सनत सिंह तंवर, एवं सुरेश सिंह बैस के द्वारा तिरंगा झंडा फहराया गया था, जिससे गांव के लोग भी जुड़े।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button