बिलासपुर

Search, Seizure, Preservation of Electronic Evidence and Cyber Forensics विषय पर हुई बिलासपुर जिले में हुई एक दिवसीय रेंज स्तरीय  कार्यशाला

पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर डॉक्टर संजीव शुक्ला (IPS) के  निर्देश पर रेंज के 8 जिलों के विवेचकों , रेंज साइबर थाना एवं ACCU के अधिकारियों ने प्राप्त किया प्रशिक्षण

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राज्य फारेंसिक प्रयोगशाला, छत्तीसगढ़ रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डा0 विक्रांत सिंह ठाकुर द्वारा दिया गया प्रशिक्षण

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डिजिटल digital evidence collection सर्च, एवं सीजर के संबंधमें विस्तृत रूप से प्रदान की गई जानकारी

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राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला रायपुर में अब  हाईटेक साइबर फॉरेंसिक एवं ऑडियो वीडियो प्रयोगशाला की सुविधा भी हुई है प्रारंभ,  जो की मध्य भारत का एकमात्र फॉरेंसिक लैब है तथा NABL सर्टिफाइड प्रयोगशाला है

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डिजिटल साक्ष्य जाच हेतु अन्य राज्यों पर निर्भता हुई खत्म, केन्द्रीय इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी कर फोरेंसिक साईंस लेबोरेटरी रायपुर को बनाया गया सक्षम

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बिलासपुर // Search, Seizure, Preservation of Electronic Evidence and Cyber Forensics विषय पर हुई बिलासपुर जिले में  एक दिवसीय रेंज स्तरीय  कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर डॉक्टर संजीव शुक्ला (IPS) के  निर्देश पर आयोजित इस कार्यशाला में बिलासपुर रेंज के 8 जिलों के राजपत्रित अधिकारीयो,  विवेचक , रेंज साइबर थाना एवं ACCU के अधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। विषय विशेषज्ञ के रूप राज्य फारेंसिक प्रयोगशाला छत्तीसगढ़ रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डा0 विक्रांत सिंह ठाकुर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 79क अंतर्गत कम्प्यूटर मीडिया न्यायिक विज्ञान तथा मोबाईल उपकरण न्यायिक विज्ञान के साथ इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के परीक्षक के तौर पर राज्य सरकार के पहल पर केन्द्रीय इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय द्वारा राज्य न्यायालयीक प्रयोगशाला रायपुर को किसी भी तरह के प्रकरण की जाँच के दौरान इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त करने के बाद एफ.एस.एल. से जाँच करने अधिकृत किया गया है।डिजिटल फोरेंसिक लेब में उपलब्ध होने वाली सुविधाओं तथा मामले की विवेचना के दौरान डिजिटल उपकरण कम्प्यूटर लैपटाप पेन ड्राइव मोईबाइल डेटा ईमेल मैसेज आडियो-विडियो के साक्ष्य संकलन एवं उसकी सुरक्षा की जानकारी हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। प्रशिक्षण शुभारंभ के अवसर पर प्रारंभिक उद्बोधन में श्री रजनेश सिंह (भापुसे), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा आधुनिक युग में अपराध एवं अपराधी दोनों डिजिटल हो गये, विवेचना में इलेक्ट्रानिक साक्ष्य महत्वपूर्ण है, इलेक्ट्रानिक साक्ष्य नाजुक होता है जिसका संकलन व सुरक्षा बड़ी सावधानी से करना चाहिए ।रेंज/जिला स्तर पर अपराध दोषसिद्ध प्रकरणों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के अभाव में अपराधी दोषसिद्ध नही हो पाते हैं। इलेक्ट्रानिक साक्ष्य संकलन में सावधानी नहीं बरतने से नष्ट हो जाते हैं और उपयोगी नहीं होते ।अतएव प्रशिक्षण का लाभ लेकर जिलों में अन्य अधिकारी/कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी देने कहा गया ।डा0 संजीव शुक्ला (भापुसे) पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि राज्य न्यायालयीक प्रयोगशाला रायपुर सेन्ट्रल इंडिया का अकेला लेब है जिसे सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 79क का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है तथा अब यह डिजिटल फोरेंसिक लेब में विशेषज्ञ के रूप में नामित हो गया है। जिस कार्य के लिए हमे चंडीगढ़ एवं भोपाल पर निर्भर रहना पड़ता था अब यह सभी कार्य एफ.एस.एल. रायपुर से हो सकेंगे। यहां पर अब मोबोईल फोरेंसिक के अंतर्गत- मोबाईल फोन स्मार्टफोन टैबलेट आदि उपकरणों से डेटा रिट्रीव करना डेटा का विश्लेषण करना विभिन्न इलेक्ट्रानिक प्रदर्शो से प्राप्त डेटा के बीच कनेक्शन स्थापित करना क्लाउड डेटा रिट्रीव करना डैमेज मोबाईलों के डेटा को संरक्षित रखते हुए पासवर्ड ब्रेक करना डिलीट किये हुए डेटा को रिट्रीव करना आडियो -वीडियो फारेसिंक अंतर्गत आडियो एवं वीडियो फाईल का प्रमाणिकरण वाइस मैचिंग फेस मैचिंग कम्प्यूटर डिस्क फारेंसिक अंतर्गत कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क या एसएसडी आदि से डिलीट किए गए डेटा को रिट्रीव करना लाक्ड स्टोरेज मीडिया का पासवर्ड ब्रेक करना इलेक्ट्रानिक प्रदर्शो के क्षतिग्रस्त अवस्था में होने पर डेटा रिट्रीव करना व विश्लेषण करना तथा क्वचन डाक्युमेंट फोरेंसिक अंतर्गत संदिग्ध दस्तावेजों की जाच और विश्लेषण दस्तावेजों की प्रमाणिकता मूलता का सत्यापन तथा लेख एवं हस्ताक्षर का मिलान जैसे कार्य अब रायपुर एफएसएल से किये जा सकेंगे। डा0 शुक्ला ने बताया कि आने वाले समय पर अन्य राज्य भी रायपुर एफएसएल का लाभ उठा सकेंगे। अन्य प्रांतो से पहले इसके लाभार्थी बनने कहा गया। श्री शुक्ला ने कहा कि अब अपराध भी डिजिटल तकनीक उपयोग हो रहें और अपराध खुलेंगे भी इसी के माध्यम से। नैतिक मूल्य नीचे आ रहा है जिससे मामलों में अब मौखिक साक्ष्य पर निर्भर नही रह सकते । इसके लिए उपलब्ध डिजीटल फोरेंसिक तथा रेगुलर फोरेंसिक का अधिकतम उपयोग करना है। अपराध को नियंत्रित करने का तरीका है अपराधी को सजा दिलाना तथा पुलिस का मूल्यांकन का आधार भी अधिकतम अपराधों में अपराधियों को सजा दिलाने के आधार पर होगा जिसके लिए इलेक्ट्रानिक फोरेसिक बडा हथियार है जिसका अधिकतम उपयोग किया जाना है। प्रशिक्षण प्राप्त होने उपरांत राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारियों मास्टर ट्रेनर के रूप में जिलों में अन्य राजपत्रित अधिकारियों थाना प्रभारियों विवेचकों को प्रशिक्षण देने निर्देश दिये गये।प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान  श्रीमती मधुलिका सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय, बिलासपुर,  श्री राजेन्द्र जायसवाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर बिलासपुर,  श्रीमती दीपमाला कश्यप जोनल पुलिस अधीक्षक बिलासपुर , डॉ अर्चना झा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बिलासपुर,  श्री हरीश यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सक्ती, श्रीमति निमिषा पाण्डेय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सारंगढ़ बिलाईगढ़ ,  श्रीमती नवनीत कौर छाबड़ा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुंगेली , डा0 विक्रांत सिंह ठाकुर वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी हेड आफ आडियो विडियो एवं सायबर फोरेंसिक डिविजन रायपुर तथा डा0 रवि चंदेल प्रभारी अधिकारी क्षेत्रीय विज्ञान प्रयोगशाला बिलासपुर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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