थम नहीं रहा अवैध रेत उत्खनन का सिलसिला
मिली जानकारी के अनुसार 200 रूपए प्रति ट्रेक्टर के हिसाब से अवैध वसूली, खनन माफिया द्वारा
जांजगीर-चांपा – अब तक सिर्फ अवैध उत्खनन का मामला सामने आ रहा था लेकिन मिली जानकारी के अनुसार खनन माफिया द्वारा अब 200 रूपए प्रति ट्रेक्टर के हिसाब से वसूली किया जा रहा है दरअसल मामला नवागढ़ ब्लाक क्षेत्र बरगांव ग्राम पंचायत के पास का हैं जहां पर बिना रायल्टी के रेत को कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा निकाला जा रहा है।जिससे संबंधित व्यक्ति ने 200 रूपए प्रति ट्रेक्टर अवैध वसूली करते जानकारी हासिल हुआ है। देखा जाए तो यह सिलसिला एक ही जगह का नहीं है अपितु अधिकतर जिले में यही हाल है कारण संबंधित विभाग की संज्ञान लेने और छापेमारी कार्यवाही में कमी का नतीजा है एवं फायदा इन अवैध रेत उत्खनन माफियाओं को हो रहा है। जिस घाट का ठेका जितना हेक्टेयर हो गया है उसके द्वारा उससे भी ज्यादा हेक्टेयर क्षेत्र से रेत निकाला जा रहा है जिसकी भनक सभी को है मगर ऐसे -ऐसे अज्ञात नेता, गुन्डों, बदमाशों का दखल अंदाजी है जिससे भयभीत होकर कोई सामने नहीं आता क्योंकि सामने वाला व्यक्ति को मालूम है कि इसकी पहुंच ऊपर लेबल तक है और अगर शिकायत करता हूं तो इसके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होगा अगर होता भी है तो बहुत जल्दी छुट कर वापस आ जाएगा उस समय मैं अकेला क्या करूंगा यही सोच कर इन अवैध रेत उत्खनन माफियाओं से कोई उलझना नहीं चाहता जिसका भरपूर उपयोग खुलकर ये अवैध रेत उत्खनन माफियाओं द्वारा बरसो से पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरा चली आ रही है और अगर संबंधित अधिकारी एवं विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं होती तो यह सिलसिला निरंतर कायम रहेगा। कभी कभी कानून व्यवस्था और संबंधित विभाग की विलंब कार्यवाही एवं कानून व्यवस्था की लापरवाही और कमी को देखकर अपने आप में शर्मिंदगी महसूस होती है कि इससे तो बेहतर अंग्रेजो की गुलामी ही अच्छी थी। भारत आजाद होकर भी गुलामी करनी पड़ती है संबंधित अधिकारीयों की बार -बार सुचना देने के बावजूद भी कार्यवाही इसतरह से होती है जैसे ऐ हम पर ऐसान करते हैं उस समय ये क्यों नहीं सोंचते की हमारी जिम्मेदारी है और उसका निर्वहन जिम्मेदारी से करे।आज जिले में हर रेत घाट से अवैध रेत उत्खनन चल रहा है लेकिन जब संबंधित विभाग को फोन किया जाता है तो आखिर कार्यवाही करने में इतनी विलंब क्यों ये एक प्रश्नचिन्ह नही बल्कि साफ तौर पर इशारा करता है कि मामला मिली-भगत है कहने में कोई भी