सक्ती-

एक तरफ बेटे के छोड़ जाने पर दुख के आंसू, तो दूसरी तरफ शहीद होने का गर्व

शहीद श्री दीपक भारद्वाज को अद्म्य साहस और वीरता के लिए मिला कीर्ति चक्र


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल पिहरीद हाईस्कूल का नामकरण शहीद श्री दीपक भारद्वाज के नाम पर करने की कर चुके हैं घोषणा


सक्ती – 12 मई 2023/ शहीद दीपक भारद्वाज के माता-पिता और परिवार वालों से बात करने पर उनकी आंखों में एक तरफ बेटे के छोड़ जाने का दुख था, तो वहीं दूसरी तरफ बेटे का देश सेवा के लिए शहीद होने का गर्व दिखा।शहीद दीपक के पिता ने कहा कि नक्सल ऑपरेशन में मेरे बेटे के शहीद हो जाने के कारण एक पिता के तौर पर मैं टूट सा गया हूं, मेरे अंदर दुख की धार है। बेटे की मां और पूरे परिवार का यही हाल है। मेरे बेटे ने छत्तीसगढ़ महतारी और देश को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। बेटे की शहादत के बाद सभी लोगों, सभी जनप्रतिनिधियों, शासन-प्रशासन के अधिकारियों का जो स्नेह, सम्मान और प्यार हमें मिल रहा है, उससे हमें जिंदगी जीने का एक अलग हौसला मिला है और हमें बेटे के चले जाने के दुख के साथ ही देश के लिए बेटे की शहादत पर गर्व है।गौरतलब है कि नवगठित सक्ती जिले के मालखरौदा विकासखंड के पिहरीद गांव में रहने वाले सब इंस्पेक्टर शहीद श्री दीपक भारद्वाज ने देश की आन-बान-शान की खातिर 3 अप्रैल 2021 को बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलागुडम नामक स्थान में नक्सल ऑपरेशन के दौरान अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कर्तव्य परायणता का नया अध्याय लिखा और अपनी श्हादत दे दी, 9 मई 2023 को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने शहीद श्री दीपक भारद्वाज को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। राष्ट्रपति के हाथों शहीद दीपक की मां श्रीमती परमेश्वरी भारद्वाज और पत्नी श्रीमती क्रांतिका भारद्वाज ने कीर्ति चक्र ग्रहण किया।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के इस सपूत के त्याग और बलिदान को सम्मान देने के लिए जैजैपुर विधानसभा में भेंट-मुलाकात के दौरान शहीद दीपक भारद्वाज के गृहग्राम पिहरीद पहुंचकर शहीद के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इसके साथ ही उन्होंने पिहरीद के हाईस्कूल का नामकरण शहीद दीपक भारद्वाज के नाम पर करने की घोषणा भी की थी।बस्तर संभाग के बीजापुर में 3 अप्रैल 2021 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सशस्त्र माओवादियों की मौजूदगी की सूचना प्राप्त होने पर पुलिस अधीक्षक बीजापुर के नेतृत्व में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड, स्पेशल टास्क फोर्स तथा कोबरा सीआरपीएफ दल द्वारा एक संयुक्त अभियान चलाया गया। शुरुआती लक्ष्य हासिल करने के बाद अगली सुबह अभियान दल अपने अगले लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था। इसी बीच झाड़ियों में छिपे नक्सलियों ने स्वचालित और देशी हथियारों से उन पर भयंकर गोलीबारी शुरू कर दी। जिस पर सब इंस्पेक्टर दीपक भारद्वाज सहित उनकी टीम ने सूझबूझ का परिचय देते हुए त्वरित गोलीबारी कर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। नक्सल ऑपरेशन के दौरान दीपक खुद की फिक्र किए बिना अपने साथियों को फायरिंग से सुरक्षित निकालने के लिए जुटे रहे और इसी दौरान उनके करीब एक ब्लास्ट हुआ, जिसमें वे शहीद हो गए। शहीद दीपक भारद्वाज अपने घर के सबसे बड़े पुत्र थे। शहीद दीपक के पिता ने बताया कि उनका बेटा शुरू से ही पढ़ाई में बहुत होनहार था। खेल के क्षेत्र में दीपक वालीबाल का अच्छा खिलाड़ी था। शहीद दीपक भारद्वाज ने कक्षा पांचवी तक की पढ़ाई ग्राम पिहरीद के सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से, कक्षा छठवीं से 12वीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार से और ग्रेजुएशन चितानी मितानी दुबे कॉलेज (सीएमडी कॉलेज) बिलासपुर से तथा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से बी.एड. की पढ़ाई पूरी की है। शहीद दीपक के मन में बचपन से ही देश प्रेम की भावना थी। उन्होंने वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर ज्वाइन किया।

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