जांजगीर चाम्पा

संत शिरोमणि रविदास की 647 वीं जयंती मनाई गई

जांजगीर-चांपा – संत रविदास जयंती भारतीय इतिहास और सामाजिक संदेश के महत्वपूर्ण प्रतीकों में से एक है। यह पर्व हर साल 25 फरवरी को मनाया जाता है और संत रविदास जी के जीवन और कार्य को याद करने का अवसर प्रदान करता है।रविदास जी ने भारतीय समाज को समर्थन और समानता की ओर अग्रसर करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वे अपने भक्ति संगीत के माध्यम से समाज को सामाजिक और धार्मिक संदेश प्रेषित किया। उनके द्वारा रचित दोहे और भजन आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं और उनकी महानता को याद दिलाते हैं।संत रविदास जी का जन्म और कार्यकाल भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण हैं, और उनके जन्मदिन का उत्सव लोगों को उनके योगदान को स्मरण करने और उनके विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। उनकी शिक्षाएं और उनका संदेश आज भी समाज में समानता, न्याय, और सहिष्णुता के महत्व को प्रमोट करने में महत्वपूर्ण हैं।इस संबंध में, संत रविदास जी के जीवन और कार्य को समझाने और उनके योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, लोग उनके शिक्षाओं को याद करते हैं और उनके द्वारा प्रेरित होते हैं ताकि समाज में समानता और भाईचारा प्राप्त किया जा सके।

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