जांजगीर चाम्पा

राष्ट्रीय डेंगू दिवस: डेंगू से बचाव के उपाय और सावधानियां

‘‘समुदाय के सहभागिता से डेंगू नियंत्रण करें‘‘ की थीम पर आयोजित होगा राष्ट्रीय डेंगू दिवस

जांजगीर-चांपा 15 मई 2024/ प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 16 मई 2024 को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष डेंगू दिवस की थीम है ‘‘समुदाय के सहभागिता से डेंगू नियंत्रण करें ( Connect with Community, control Dengue) इस अवसर पर डेंगू प्रति जागरूकता लाने पर जिला स्तरीय, समस्त विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि डेंगू बुखार एक आम संचारी रोग है जिसकी मुख्य लक्षण है, तीव्र बुखार, अत्यधिक शरीर में दर्द तथा सिर दर्द। यह एक ऐसी बीमारी है जो समय-समय पर इसे महामारी के रूप में देखा जाता है। वयस्कों के मुकाबले, बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है। डेंगू वायरस (विषाणु) द्वारा होता है जिसके चार विभिन्न प्रकार (टाइप) है। आम भाषा में इस बीमारी को ‘‘हड्डी तोड़ बुखार ‘‘ कहा जाता है। क्योकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में दर्द होता है। डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर किसी रोगी को काटता है तो एडीज मच्छर संक्रमित हो जाता है। डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर किसी स्वास्थ्य व्यक्ति को काटता है तो लगभग 5-7 दिन में डेंगू लक्षण प्रकट होता है ।

*डेंगू बुखार के लक्षण*

क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार एक स्वंय ठीक होने वाली बीमारी है। लेकिन यदि किसी को डीएचएफ या डीएसएस हैं और तुरन्त उपचार शुरू नहीं किया जाता है तो जान को खतरा हो सकता हैं। इसलिए यह पहचानना अत्यन्त महत्पूर्ण हैं कि साधारण डेगू बुखार है डीएचएफ या डीएसएस हैं। इसी प्रकार क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार ठंड लगने के साथ अचानक बुखार चढ़ना। सिर मांसपेशियों तथा जोडांे में दर्द। आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है। अत्यधिक कमजोरी लगना ,भुख में बेहद कमी जी मतलाना। मुंह के स्वाद का खराब होना। गले में हल्का सा दर्द होना। रोगी बेहद दुःखी तथा बीमार महसूस करता है। शरीर पर लाल ददोरे (रैश) का होना। शरीर पर लाल -गुलाबी ददोरे निकल सकते है। बाद में ये ददोरे और भी स्पष्ट हो जाते है। साधारण ( क्लासिकल ) डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती हैं और रोगी ठीक हो जाता है। अधिकतर मामलों में रोगियों को साधारण डेंगू बुखार ही होता है। साधारण (क्लासिकल) डेंगू बुखार के लक्षणों ठीक नही होने कि स्थिति में रक्तस्त्राव (हॅमरेज होने के लक्षण): नाक,मसूढ़ांे से खून जाना, शौच या उल्टी में खून जाना, त्वचा पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाना आदि रक्तस्त्राव (हॅमरेज), अत्यधिक बेचैन, धीरे-धीरे होश खोने ये सब डेंगू हॅमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिन्ड्रोम के लक्षण है जिन्हे अस्पाताल में भर्ती कर ईलाज किया जा सकता है ।

*डेंगू बुखार उपचार*

यदि रोगी को साधारण (क्लासिकल) डेगू बुखार हैै तो उसका उपचार व देखभाल घर पर की जा सकती है। चूंकि यह स्वंय ठीक होने वाला रोग है इसलिए केवल लाक्षणक उपचार ही चाहि। स्वास्थ्य कर्मचारी की सलाह के अनुसार पेरासिटामॉल की गोली या शरबत लेकर बुखार को कम किया जा सकता है। रोगी को डिसप्रिन, एस्प्र्रीन जैसी दवा कभी ना दें। यदि बुखार 102º F से अधिक है तो बुखार को कम करने के लिए हाइड्रोथेरेपी (जल चिकित्सा) करें। सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें। बुखार की स्थिति में शरीर को और अधिक भोजन की आवश्यकता होती है। रोगी को आराम करने दें।

*डेंगू से निदान -*

डेंगू शंकास्पद मरीज की पुष्टि Ns1, IgM से किया जा सकता है। जिले में जिला चिकित्सालय जांजगीर, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जांजगीर ,बी.डी.एम. एवं सभी सामुदायिक/प्राथमिक केंद्रो में शंकास्पद मरीज जांच हेतु सुविधा उपलब्ध है। साथ ही डेंगू पूष्ठी हेतु जिला चिकित्सिालय जांजगीर में किया जा सकता है ।

*डेंगू से बचाव हेतु उपाय -*

शरीर को पूरा तरह ढकने वाले पोषाक पहनें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करे। घरों में स्थित कुलर, टंकी, ड्रम, बाल्टी आदि की पानी को सप्ताह में एक बार खाली करें। घरों के आसपास पानी जमा होने वाले वस्तुओं जैसे की नारियल के खोल, पुराने टायर,टुटे फुटे बर्तन आदि नष्ट किया जावे। पानी संग्रहित बर्तनों को हमेंशा ढ़क के रखे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आम जनता से डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम में सहयोग प्रदान करने हेतु अपील कि गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button