सोसायटी में मिलने वाला फोर्टीफाइड चावल मिलावट नहीं बल्कि खाने में फायदेमंद है
जांजगीर-चांपा – जिले के सोसायटी में मिल रहा फोर्टीफाइड चावल कई पोषक गुण है क्यूसि आयरन, फोनिक और विटामिन B 12 जैसे पोषक तत्वयाट्रिएट्स मिलाये जाते हैं। ये पोषक तत्व अनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से बचाता है.बचाव करता है, फोलिक एसिड भ्रूण में सहायक होता है और विटामिन सामान्य कामकाज में सहायक होता है । फोर्टीफाइड पाचन के नियमित सेवन से बेहतर पोषण आयरन अनीमिया से निर्माण और खून बनाने B. 12 नर्वस सिस्टम के और स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है फोर्टीफाइड चावल को कैसे पकाया जाता है?अधिकतम पौष्टिक लाभ के लिए फोर्टीफाइड चावल को पर्याप्त पानी में पकाना चाहिए और बचे हुए पानी को फेंकना नहीं चाहिए। अगर चावल को बनाने से पहले पानी में भिगोया गया हो तो चावल को उसी पानी में पकाना चाहिए | फोर्टीफाइड चावल को हर बार इस्तेमाल करने के बाद साफ और सू हवा बंद डब्बे में रखना चाहिए ।फोर्टीफाइड चावल कहाँ मिलता है ? फोर्टीफाइड चावल सहकारी राशन की दुकानों पर मिलता है। यह चावल आंगनवाडी केंद्रों पर दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार और स्कूलों जाता है।क्या किसी और खाद्य पदार्थों को फोर्टीफाई किया जाता है ? बिल्कुल। भारत में चांवलों के अलावा नमक, तेल और दूध को भी फोर्टीफाई किया जाता है ताकि कुपोषण की दरों में फोर्टीफाइड चांवल से संबंधित कुछ भ्रांतियां और तथ्य भान्तिः फोर्टीफाइड चावल प्लास्टिक चावल है।तथ्यः चावल को FRK के साथ 100:1 के अनुपात में मिलाकर फोर्टीफाइड चावल तैयार किया जाता है। FRK को चावल के आटे और प्रीमिक्स से तैयार किया जाता है जिसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 होता है जिसे एक साथ मिश्रित किया जाता है। इसमें प्लास्टिक जैसा कुछ भी नहीं होता और यह उपभोग करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक है आन्ति: फोर्टीफाइड चावल के स्वाद, सुगंध और पकाने की विधि में परिवर्तन होता है।तथ्यः स्वाद, सुगंध और दिखने में फोर्टीफाइड चावल सामान्य चावल के जैसा ही होता है। इसे सामान्य चांवल की तरह ही पकाकर सेवन करना चाहिए मध्याह्न भोजन में भी दिया जाता है,भ्रान्ति: फोर्टीफाइड चावल में पोषक तत्व खाना पकाने के दौरान नष्ट हो जाते हैं।तथ्य: फोर्टीफाइड चावल पकाने के दौरान अपने पोषक तत्वों को बरकरार रखता है। अत्यधिक पानी मे धोने और पकाने के दौरान भी पोषक तत्वअवशेष बरकरार रहते हैं।+F FORTIFIED SWASTH JERVAN फोर्टिफाइड चावल के बैग पर “+F” का लोगो होता है। जो कि फोर्टीफाइड खाद्य पदार्थों का प्रतीक हैं,चांवल को कैसे फोर्टीफाइड किया जाता है,चांवल को फोर्टीफाइड करने के लिए सबसे पहले सामान्य चांवल का पाऊडर बनाया जाता है और उसमें सुक्ष्म पोषक तत्व जैसे B12,फोलिक एसिड और आप fssai के मानकों के अनुसार मिलाया जाता है चावल के पाउडर और मिनरल के मिश्रण को मशीनो द्वारा गधा जाता है इस frk के दाने में ग्राम को सामान्य चावल के 100 दानो ग्राम के अनुपात में मिलाया जाता है जिसे फोर्टीफाइड चांवल कहते हैं।चावल में पहले से ही पोशक तत्व होते हैं फिर पाफिकेशन की क्या जरूरत है आमतौर पर चांवल की मिलिंग और पांलिसिंग के समय फैट और सुक्ष्म पोशक तत्वों से भरपूर चौकर पर की जाती है चांवल की पांलिश करने से 25-90% विटामिन भी निकल जाते हैं जिसके वजह से चावल के अपने तत्य खाम हो जाते हैं इसलिए चावल को फोर से उनमें सुक्ष्म पोशक तत्व न सिर्फ फिर से जुड़ जाते हैं बल्कि और ज्यादा मात्रा में मिलाए जाते हैं जिससे और ज्यादा पौष्टिक बन जाता है।आइए जानें फोर्टीफाइड चांवल के बारे में, कुपोषण से लड़ने के लिए भारत में चांवल फोर्टीफाइड क्यों जरूरी है भारत चावल का एक प्रमुख उत्पादक देश है विश्व में 22-प्रतिवादन चावल का उत्पादन भारत करता है और हमारे देश का 65% आबादी रोज चावल का सेवन करती है इतना ही नहीं,भारत में प्रति व्यक्ति चावल का खपत प्रति माह 6.8 किलोग्राम है।भारत में खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमो में चावल का वितरण भी बहुत ज्यादा मात्रा में होता है इसलिए देश की ज्यादातर आबादी के लिए चावल ऊर्जा और पोषण का एक बड़ा स्रोत है और कुपोषण से लड़ने के लिए चावल का फोटीफिकेशन एक कारगर रणनीति है विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक फुड फोटीफिकेशन का मतलब होता है टेक्नोलॉजी के माध्यम से खाने में विटामिन और मिनरल के स्तर को बढा़ना ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि आहार में पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सके और इससे लोगों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिले।