शिक्षक दिवस पर आप सभी का हार्दिक अभिनंदन
( गुरु और उसका अरमान )
जांजगीर-चांपा – जीवन में गुरु का होना अत्यंत आवश्यक है। गुरु ही तो है, जो संघर्षों से लड़ना, मुसीबतों में संभलना और विषम परिस्थितियों में धैर्य बनाये रखना सिखाती है । इसीलिए तो कहा जाता है –
गुरु बिन ज्ञान न होत है, गुरु बिन दिशा अजान।
गुरु बिन इंद्रिय न सधे, गुरु बिन बढे न मान।
शिष्य वहीं जो सिख ले, गुरु का ज्ञान अगाध।
भक्ति भाव मन में रखे, चलता रहे अबाध।
शिक्षक दिवस पर मेरे माता – पिता, अग्रज सहित सभी गुरुओं और आचार्य बंधुओं को सादर नमन , अभिनंदन और छात्रों को अनेकानेक शुभकामनाएं!
शिक्षक कौन और उसकी कामना क्या?
गीली मिट्टी इंसान बनाता,
कोरे कागज को अखबार।
कोयले को कोहिनूर बनाता,
लगाता ज्ञान का सुंदर बाग।
डूबती कस्ती को जहाज बनाता
कच्ची मिट्टी से मीनार।
दीपक बनकर रोशन करता,
जगमगाता है संसार।
समस्या का जो हल बतलाता,
अन्याय से लड़ना सिखलाता।
परिंदों को बाज बनाता,
यारों वो शिक्षक कहलाता।
शिक्षक दिवस पर तुम्हें बधाई,
छू जाओ आसमान ऊँचाई।
शिक्षक दिवस पर एक बात, और नहीं कोई अरमान।
जन्म हो जब जब धरा पर,
बनना चाहता शिक्षक यार।।
डॉ. गुलाब चंद “कुसुम”
कौंसलर व्यक्तित्व विकास एवं आनुवांक्षिकी गुरु खरौद महा. छत्तीसगढ़।