जांजगीर चाम्पा

कमरीद में चल रहा भागवत कथा ज्ञान यज्ञ डॉक्टर खिलावन यादव सह परिवार ब्यास पीठ से लिया आशीर्वाद

जांजगीर-चांपा -(कमरीद ) स्थानीय ग्राम कमरीद में दिनांक 26जनवरी से 3फरवरी तक श्री मद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन रखा गया है जहां अनंत ऐश्वर्यवान ,लीलापुरुष भगवान श्री कृष्ण चंद जी महराज एवम श्री राधेरानी मैया की अति कृपा स्वरूप सनातन धर्म की रक्षा करने एवम सर्वजन कल्याण की पवित्र मंगलकामना के साथ इस संसार का सर्व श्रेष्ठ सत्कर्म श्री मद्भागवत कथा महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है
जहां ब्यास पीठ पर श्री भरत तिवारी जी भागवत मर्मज्ञ महराज जी ब्यास पीठ से अपने मुखारवृंद से धर्मानुरागी ,सत्संग प्रेमी एवम रसिक श्रोतागण को आनंद कंद,अखिलकोटि ब्रम्हांड नायक श्री बांकेबिहारी जी के कथामृत श्रवण करा रहे हैं श्री भरत तिवारी जी महराज जी ने अपने मुखारबृंद से बोले की इस दुनिया में अमृत से कुछ मीठा है तो वह भगवान श्री कृष्ण जी एवम श्री राधा रानी मैया नाम है और श्री कृष्ण जी कृपा प्राप्त करना हो तो श्री राधा रानी को भी जपना होगा श्री भागवताचारय ी ने कहा कि यह युग कलयुग चल रहा है और उन्होंने कलयुग का बहुत सटीक वर्णन करते हुए कहा कि यह कलयुग का 28वा युग चल रहा है ये कलयुग आज ही नही आया है ये कलयुग आज से पहले भी इसका आगमन हो चुका है ये 3बार और आ चुका है अब ये 28वा कलयुग चल रहा है और इस बार इस कलयुग से बचना है तो केवल और केवल हरि कीर्तन करना ही एक मार्ग है जो हमे इस कलयुग के प्रकोप से बचा जा सकता है और संत सेवा करना दान धर्म करना क्योंकि इसमें धन की पवित्रता होती है संत पाप को नास करने का उपाय बताते है की इस कलयुग में केवल और केवल उपाय है कि भगवान श्री कृष्ण की नाम संकीर्तन करना है और कहा कि ताप ही पाप है और पाप को केवल श्री हरित विष्णु जी ही नाश कर सकते है कल में समा जाने के बाद भी भागवत भगवान हमे मुक्ति दिलाता है इस जीवन के अंत के बाद दूसरा खाता खुलता और दूसरे खाते से हमे ये भागवत भगवान ही हमे मुक्ति दिलाता हैं मोक्ष ,सद्गति,अधिकारी बनाता है तो वह है तो केवल और केवल भागवत महा पुराण इस लिया हमे अधिक से अधिक भागवत कथा श्रवण करना चाहिए तथा मनन करना चाहिए तभी भागवत कथा सुनने की सार होगी कथा अमृत का रसपान एवम सत्संग लाभ सहित अक्षय पुण्य प्राप्त करने अवश्य ही पधारे श्री भरत तिवारी जी ने ब्यास पीठ से सभी उपस्थित स्रोत समाज को भक्त प्रह्लाद की कथा से अवगत कराया की कैसे भक्ति में अड़चन आती है जैसे भक्त प्रह्लाद के पिता जी हिरण्य कश्यपू ने उसकी भक्ति छुड़ानी चाही लेकिन अपनी मां के पेट में 7वे माह से भगवान श्री मन नारायण का नाम जप कर भगवान की भक्ति प्राप्त कर चुका था भक्त प्रह्लाद की मां कयाधु जो मुनि की आश्रम में रह कर भक्ति की थी उसकी पुण्य प्रताप से भक्त प्रह्लाद को भी आनंद कंद अखिल कोटि नायक भगवान श्रीकृष्ण जी की असीम कृपा प्राप्त थी इस लिए हर गर्भवती मां को जब गर्भवती हो तो अवश्य भक्ति करना चाहिए जिससे नेक इंसान का जन्म हो और कुल का नाम उजागर करे ,भरत तिवारी जी ने बताया कि भक्ति के तीन धारा है विश्वास,संबंध,और समर्पण और तिवारी जी बताया की भक्ति भी दो प्रकार की होती है सकाम भक्ति और निष्काम भक्ति जैसे सकाम भक्ति जिसमे कुछ स्वार्थ सिद्ध के भक्ति की जाय और निष्काम भक्ति जैसे भक्त प्रह्लाद का को को निष्काम भक्ति कह सकते है जो सिर्फ भगवान को पाने के लिए भक्ति किए ,भक्त प्रहलाद ने अपने पिता जी को भी मोक्ष प्राप्ति कराया भक्ति में वो शक्ति है की हिरण्य कश्यपू जैसे पापी को भी मुक्ति दिला सकती है भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए भगवान श्री नरसिंह अवतार में आना पड़ा हिरण्य कश्यपपू को ऐसे वरदान थे की इसको मारना असंभव था न ये दिन में मरता न रात में तो संध्या बेला बनाया न भीतर मरता न बाहर तो देहरी में मारा ,ये न तो अस्त्र से न शस्त्र से तो इसे नाखून से मारा और ये पशु से मरता न मनुष्य से तो नरसिंह अवतार लेकर इसका वध किया खंभे से निकल कर अपने भक्त की रक्षा की और भक्त प्रह्लाद ने अपने पिता जी को मोक्ष के लिए विनती की और उसके कहने पर मोक्ष की प्राप्ति हुई।

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