लक्ष्मणेश्वर की नगरी खरौद में अंबेडकर जयंती आयोजित –
“डॉ. भीमराव आंबेडकर महज दलित मसीहा नहीं, अपितु आधुनिक भारत के निर्माता भी थे !”
डॉ. जी. सी. भारद्वाज


जांजगीर-चांपा // आशुतोष भगवान लक्ष्मणेश्वर महादेव की नगरी जिसे छत्तीसगढ़ की कांशी का गौरव प्राप्त है! बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर की 134 वीं जयंती का गरिमामय कार्यक्रम शासकीय बालक छात्रावास खरौद में आयोजित की गई।खरौद नगर में प्रथम बार आयोजित यह ऐतिहासिक कार्यक्रम नगर के गणमान्य लोगों की विशेष उपस्थिति में नगर के अधिकारियों कर्मचारियों और बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों द्वारा आयोजित की गई! इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शासकीय लक्ष्मणेश्वर महाविद्यालय खरौद के प्रभारी प्राचार्य डॉ.जी.सी. भारद्वाज, विशिष्ट अतिथि के रूप में सुबोध शुक्ला जी वरिष्ठ पत्रकार एवं छात्रावास अधीक्षक ओम प्रकाश साहू तथा कार्यक्रम अध्यक्ष बी.एल. भारद्वाज पूर्व प्राचार्य विशेष रूप से उपस्थित रहे! सर्वप्रथम बाबा साहेब की छायाचित्र में दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण तथा अतिथि स्वागत के कार्यक्रम के पश्चात बौद्धिक उद्बोधन का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ! सर्वप्रथम कमलेश यादव ने बाबा साहब की बौद्धिक क्षमता संबंधी विचारों पर अपनी बात कही, एस.आर. महर्षि ने बाबा साहेब के बंधुता संबंधी बातों पर समाज को एकीकरण की बात कही! चैतराम भारद्वाज ने उनके दूरदर्शिता पर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया और भाईचारा के संदेश पर एक कविता प्रस्तुत भी किया! राकेश भारद्वाज और संजय साहू ने प्रभावशाली कविता के माध्यम से समा बांधा! सुबोध शुक्ल ने बाबा साहेब की मेधा बौद्धिक शक्ति और भारतीय संविधान पर उनके द्वारा किए गए अपूर्व योगदान पर अपनी बात रखी! कार्यक्रम अध्यक्ष बी.एल. भारद्वाज ने बाबा साहब द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार और समता, समानता, न्याय और बंधुत्व की स्थापना हेतु उनके द्वारा किए गए कार्य पर विस्तृत चर्चा की! मुख्य अतिथि डॉक्टर जी. सी. भारद्वाज ने इस प्रकार के कार्यक्रम की आवश्यकता को बनाए रखना हेतु उनके विचारों को जिंदा रखने की आवश्यकता पर बल दिया! उन्होंने कहा कि “महापुरुषों को जिंदा रखने के लिए उनके विचारों को जिंदा रखना आवश्यक है!” उन्होंने भारत में रिजर्व बैंक की स्थापना, महिला सुरक्षा, कर्मचारी बीमा योजना और संविधान के प्रति उनके समर्पण और योगदान की विस्तृत चर्चा की! उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर न केवल दलितों के मसीहा थे अपित वे आधुनिक भारत के निर्माता भी थे! उन्हें महज दलितों का मसीहा कहकर उनके व्यक्तित्व को कम करने के कुत्सित प्रयास पर आपत्ति दर्ज की! कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन का कार्य छात्रावास अधीक्षक ओम प्रकाश साहू ने किया! कार्यक्रम के आयोजन में चैतराम भारद्वाज, अश्वनी भारद्वाज और बाला राम भारद्वाज का सराहनीय योगदान रहा! इस कार्यक्रम में पुष्पमणी बंजारे, पार्षद गोविंद लहरे,गीता,रमेश भारद्वाज, अमरिका, कुसुमलता और रुक्मणी भारद्वाज सहित अनेक लोगों की सक्रिय सहभागिता रही! कार्यक्रम गरिमामय माहौल में संपन्न हुआ।
