सक्ती-

प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का सक्ती आगमन

नमामि देवी नर्मदे से शुरु हुआ संकल्प के साथ हर नदी से जुड़ती चली गई…प्रज्ञा भारती, कथा वाचिका

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सक्ती / गंगा आरती से अभिभूत नमामि देवी नर्मदे अभियान और नर्मदा आरती के अनुभव ने मुझे देश के अन्य नदियों के सम्मान को भी स्थापित करने के लिए प्रेरित किया और अब छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा पुण्य सलिला महानदी आरती में शामिल होकर प्रसन्नता महसूस करती हूं, यह बात कहते हुए स्थानीय विश्राम गृह में प्रख्यात कथावाचिका प्रज्ञा भारती ने बताया कि वह हिंदुत्व के सशक्त हस्ताक्षर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के आग्रह पर श्रावण मास में आयोजित महाभिषेक मेंं शामिल होने आई हूं।इन पलों में हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने उनसे महानदी आरती राजिम कुंभ का स्मरण साझा करते हुए कहा कि आपकी ज्यादा पहचान कथावाचिका से परे नर्मदा आरती से है तब उन्होंने इस बात स्वीकार करते हुए कहा कि गंगा आरती के साक्षात् अनुभव ने मेरे जीवन को नई दिशा दिया और देश पुण्य सलिलाओं से जुड़ती चली गई तब मुझे लगता है कि जल में भी संवेदनाएं हैं और जल तरंगों से भी हमारी भावनाएं जुड़ती है तथा जीवन में अपने आप सकारात्मकता आती है और हमें अपने जीवनदायिनी पुण्य सलिलाओं के संरक्षण और सम्मान के लिए प्रयास करना चाहिए।इसी दरमियान ऑपरेशन घर वापसी के ध्वज वाहक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने भी उपस्थित लोगों से जोबा आश्रम में आयोजित महा रुद्राभिषेक में शामिल होने का आग्रह किया।इन पलों में धर्म सेना की अंजु गबेल, दीपक गुप्ता, आयुष शर्मा के साथ रायगढ़ और अकलतरा से पधारे लोगों ने अतिथियों का स्वागत किया।

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